Short Story of Fox and Crane in Hindi with Moral | लोमड़ी और सारस की कहानी

Fox and Crane story in hindi – एक बार जंगल में एक स्वार्थी और अविश्वसनीय लोमड़ी रहती थी। क्योंकि वह हमेशा बाकी जानवरो को परेशान करती थी और उनसे झूठ बोलती थी , इसलिए अन्य जानवरो ने उस लोमड़ी पर भरोसा करना बन्द कर दिया और उससे किसी ने दोस्ती नहीं करी।

जब लोमड़ी का कोई भी दोस्त नहीं रहा तो लोमड़ी अकेली हो गई और वह जंगल में एक पहाड़ था उसकी गुफा में चली गई।

एक दिन जंगल में घूमते समय उसे एक सारस दिखाई दिया।

लोमड़ी ने उस पर एक चाल चलने की सोची। वह उसके पास गई और बोली, “नमस्ते दोस्त! कैसे हो? मैं तुम्हें देखकर बहुत खुश हुई ! मैंने आज एक स्वादिष्ट सूप बनाया है। तुम मेरे घर क्यों नहीं आते और इसे मेरे साथ खाते हो?”

यह सुनकर सारस खुश हुआ और लोमड़ी के साथ जाने को तैयार हो गया। जब वे लोमड़ी की गुफा में पंहुचा, तो लोमड़ी ने दो समतल थालियों में सूप परोस दिया। सूप बहुत पतला था और उसमें कोई सब्जी या मांस नहीं था।

लोमड़ी अपनी थाली को चाटने लगी लेकिन सारस कुछ खा नहीं पा रहा था क्योंकि उसकी चोंच बहुत लंबी और पतली थी जो बर्तन के अंदर नहीं जा सकती थी। लोमड़ी उस पर हँसी और बोली, “तुम इतने मूर्ख हो! तुम ठीक से खा भी नहीं सकते!” सारस को शर्मिंदगी महसूस हुई और वह वहां से चला गया।

सारस को लोमड़ी पर बहुत गुस्सा आया और उसने लोमड़ी को सबक सिखाने की सोची। अगले दिन सारस ने भी लोमड़ी को अपने घर खाने पर बुलाया।

उसने एक लम्बे जार में एक संकीर्ण गर्दन के साथ सूप परोसा जिसमें वह अपनी चोंच को आसानी से डुबा सकता था । लेकिन लोमड़ी अपनी जीभ से सूप तक नहीं पहुंच पा रही थी और वह भूखी ही घर चली गई।

कहानी का नैतिक

कभी भी चालाक लोगों पर भरोसा न करें और दूसरों के साथ वैसा ही करो जैसा तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें।

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