Short Story of Crow and Peacock – एक बार जंगल में एक कौआ और एक मोर रहते थे। कौआ बहुत धूर्त और चालाक था लेकिन मोर बहुत सुंदर और घमंडी था।
एक दिन, कौए ने मोर को पास के तालाब में अपने सुंदर पंखों की प्रशंसा करते हुए देखा। कौआ मोर की सुंदरता से इतना जल रहा था कि उसने मोर का मजाक उड़ाने का फैसला किया।
कौआ नीचे तालाब की ओर उड़ के गया और जोर – जोर से कांव – कांव करने लगा। मोर यह देखकर इतना शर्मिंदा हो गया था कि उसने अपना मुँह नीचे कर लिया । कौआ मोर का तब तक मजाक उड़ाता रहा जब तक कि वह उड़ नहीं गया।
मोर को कौवे पर बहुत गुस्सा आ रहा था और उसने कौवे से बदला लेने का फैसला किया। उसने एक योजना बनाने का फैसला किया ताकि कौवा फिर से उसका मजाक न उड़ा सके।
मोर को पेड़ के पास कांच के टुकड़े दिखे तो उसे एक आईडिया आया और उसने टूटे हुए कांच के टुकड़े लिए और उन्हें तालाब के चारों ओर रख दिया।
अगले दिन, जब कौवा मोर का मजाक उड़ाने के लिए तालाब में लौटा, तो उसने टूटे हुए कांच के टुकड़ों पर कदम रखा। और वहां रखे कांच के टुकड़े उसके पेरो में घूस गए और वह जोर जोर से दर्द के मरे चीखने लगा और वहां से उड़ गया।
कौआ तालाब में फिर कभी नहीं लौटा और मोर शांति से अपने सुंदर पंखों की प्रशंसा करने में सक्षम (Able) रहा ।
कहानी की शिक्षा
यह कौए और मोर की कहानी हमें सिखाती है कि बहुत गर्व या ईर्ष्या (jealousy) होने के कारण बुरा परिणाम हो सकता है। हमें हमेशा एक दूसरे के प्रति विनम्र (Polite) और दयालु (Kind) होना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
कौआ और मोर की कहानी में कौन खुश है?
इस कहानी में मोर खुश होता है जब वह कौवे को सबक सीखा देता है।
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