प्यार… यह एक ऐसा शब्द है जो हर इंसान के दिल को छू जाता है। और जब इस प्यार की कहानियों में दर्द की थोड़ी सी मिठास मिल जाती है, तो ये कहानियाँ हमारी आत्मा तक को स्पर्श करने लगती हैं। आज हम आपके लिए ऐसी ही कुछ दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानियाँ लेकर आए हैं, जो न केवल प्रेमिकाओं और प्रेमियों के सच्चे जुनून को बयां करती हैं, बल्कि हमें दिखाती हैं कि प्यार के पथ पर चलना कितना मधुर और कभी-कभी कितना कठिन होता है।
इन कहानियों में आप वह सभी रंग देखेंगे, जो एक रिश्ते को अनोखा बनाते हैं। कहीं आपको पहली नज़र का प्यार मिलेगा, तो कहीं दूरियों के बावजूद प्यार का गहरापन। इन कहानियों में हंसी है, आंसू हैं, बिछड़न है, और फिर मिलन की खुशबू भी है। हर कहानी अपने आप में एक अनूठी जर्नी है जो आपके दिलों में दस्तक देगी ।
तो बैठिए और तैयार हो जाइए इस भावनात्मक सफर के लिए, जहाँ हर एक कहानी आपके और आपके प्यार के बीच एक अदृश्य धागे से जुड़ी हो सकती है। ये कहानियाँ हैं तो बहुत छोटी, पर इनका एहसास बहुत गहरा है – यही है ‘दिल को छू जाने वाली प्रेम और दुःख की कहानियाँ‘।
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Love and Sad Story in Hindi for Girlfriend
हमेशा के लिए तुम्हारी: अलगाव की एक हार्दिक हिंदी प्रेम कहानी

एक प्यारा सा गाँव, जहाँ बचपन से ही अर्जुन और प्रिया एक-दूसरे के संग खेला करते थे। वक्त के साथ उनकी मासूम दोस्ती प्यार में बदल गई।
अर्जुन, गाँव का सीधा-सादा लड़का, और प्रिया, चुलबुली और बिंदास। दोनों का प्यार बहुत ही खूबसूरत था, पर उनकी कहानी में एक मोड़ आया जब अर्जुन को शहर में नौकरी मिली।
“प्रिया, मैं तुझे छोड़ कर तो नहीं जा रहा,” अर्जुन ने आँखों में आंसू भरकर कहा।
“मैं जानती हूँ, अर्जुन… पर डर लगता है कि कहीं यह दूरी हमारे प्यार को कमजोर ना कर दे,” प्रिया ने व्याकुल मन से कहा।

अर्जुन का शहर जाना और प्रिया का गाँव में रहना… उनके प्यार में एक कसक भर गई। फिर भी वो दोनों एक-दूसरे को चिट्ठियाँ लिखकर, फोन पर बात कर के जुड़े रहे।
शहर में अर्जुन संघर्ष करता रहा, और गाँव में प्रिया उसके इंतजार में पल-पल जीती रही। कई बार उदास रातों में प्रिया को लगता कि क्या यह दूरी उनके प्यार को और गहरा कर रही है या कमजोर।
कुछ साल बीते, अर्जुन ने शहर में एक मुकाम हासिल किया। उसने फैसला किया कि अब वो प्रिया को शहर बुलाएगा। फिर एक दिन उसने प्रिया को चिट्ठी लिखी, “मेरी प्यारी प्रिया, अब हम जल्दी ही मिलेंगे। तैयार हो जाओ शहर की रौनक और मेरी जिंदगी में फिर से चमक भरने के लिए। तुम्हारे बिना यह शहर भी सूना है।”
मैं बहुत जल्द ही गाँव आ रहा हूँ तुम्हे आपने साथ शहर ले जाने के लिए। यह सुन कर प्रिया की आंखें खुशी से भर गईं। उसका दिल जैसे फिर से उम्मीद से भर गया। वो दिन रात अर्जुन के शहर से आने के सपने देखने लगी।
अंततः वो दिन आ गया जब अर्जुन शहर से गाँव पंहुचा और दोनों का मिलन हुआ, और उनके चेहरे पर खोई हुई मुस्कान लौट आई। वे दोनों समझ गए थे कि सच्चा प्यार दूरियों से नहीं, बल्कि यकीन और विश्वास से बढ़ता है।
“मैं तुमसे वादा करता हूँ कि हम फिर कभी जुदा नहीं होंगे,” अर्जुन ने प्रिया की आँखों में देखते हुए कहा।
“मैं हमेशा तुम्हारी रहूँगी,” प्रिया ने कहा, उसकी आवाज़ में विश्वास की गूँज थी।
और इस तरह, दूरियों का एक लंबा सफर तय करने के बाद, अर्जुन और प्रिया हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए ।
फिर प्रिया ने अपना सामान बाँधा और गाँव की यादों को अपने दिल में बसा कर नए सपनो के लिए अर्जुन के साथ शहर की ओर चल पड़ी।
उनका साथ अब सिर्फ एक कहानी नहीं रही, बल्कि दो प्यार करने वाले दिलों का सच्चा मिलन और समर्पण था। दूरियों ने उनके प्रेम को न केवल परखा था, बल्कि और भी मजबूत बना दिया था। अर्जुन और प्रिया की प्रेम कहानी पूरे गाँव में एक मिसाल बन गई । और इस प्रकार, प्यार की इस कहानी का अंत दोनों के ‘हमेशा तुम्हारा रहूँगा ‘ हो जाने के साथ होता है।
अनकहे शब्द: प्यार और अफसोस की एक कहानी

शहर की रौनक से दूर, एक पुराने आम के पेड़ के नीचे, अक्सर दो परछाइयाँ मिला करतीं थी । विजय और अनु की यह अद्वितीय दोस्ती धीरे-धीरे गहरे प्यार में बदल रही थी। उनके पास शब्द नहीं रह गए थे, पर उनकी निगाहें सब कुछ कह देती थीं।
विजय, एक शांत और गंभीर प्रकृति का युवक था, वहीं अनु जीवन से भरपूर, मुस्कुराहटें बिखेरने वाली लड़की थी। विजय के लिए अनु का होना ही उसके जीवन के बाग़ की सबसे खूबसूरत कली थी। उस आम के पेड़ के नीचे, विजय और अनु ने हंसी-खुशी सुकून से कुछ पल साथ में बिताए थे।
जीवन बिना कहे कुछ बातें सहज ही समझा देता है। अनु और विजय के बीच भी ऐसे ही अनकहे वायदे और भावनाएं थीं। पर एक दिन, अनु को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए शहर से बाहर जाना पड़ा। विजय ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की, क्योंकि वह जानता था कि उसके सपने कितने महत्वपूर्ण हैं।
“मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा,” विजय ने आम के पेड़ के नीचे धीरे से फुसफुसाया, पर अनु सुन नहीं पाई। किन्तु उसकी आँखों ने जैसे विजय के दिल की बात पहचान ली।
जैसे-जैसे ऋतुएं बदलीं, विजय का इंतजार भी गहरा होता गया। वह समझ गया था कि प्यार में इंतजार की अपनी एक मिठास होती है। उधर, अनु भी नई जगह पर अपनी यादों का एक संसार बुन रही थी, जिसमें विजय की यादें उसके साथ हमेशा रहतीं थी ।
कुछ सालों बाद, अनु वापस लौटी। वो एक बार फिर उसी आम के पेड़ के नीचे आई, जहाँ अपने अतीत के कई पन्नों को उलटने का मन कर रहा था। लेकिन, इस बार विजय वहाँ नहीं था। वक्त का पहिया कुछ इस तरह घुमा कि विजय को वह गांव छोड़ना पड़ा और वह अपने कैरियर में आगे बढ़ गया था।
अनु ने विजय को हर जगह तलाशा, पर वह नहीं मिला। उसे बस विजय के द्वारा आम के पेड़ पर खोदा गया एक दिल का निशान मिला, जिसमें ‘अनु’ लिखा था। यह देखकर अनु की आँखें भर आईं। उसने महसूस किया कि विजय के दिल में भी उसके लिए वही प्यार था, जैसा वह विजय से करती थी। अफसोस की बात तो यह थी कि विजय के अनकहे शब्द और अनु की खामोशी में उनकी प्रेम कहानी कहीं अधूरी रह गई थी।
अनु ने सोचा, काश उसने विजय को रुकने के लिए कहा होता, या विजय ने अनु की रवानगी के समय अपने दिल की बात कह दी होती। कई बार, जिंदगी हमारे हाथ से बहुमूल्य लम्हें फिसलने देती है, जिन्हें हम सिर्फ यादों में बसाकर रखते हैं।
अनु ने अपनी नई जिंदगी शुरू की, उसने वहीं पर एक छोटी सी पेंटिंग गैलरी खोली, जहाँ उसके हर चित्र में विजय की याद छुपी होती। विजय की कमी उसे हमेशा खलती, पर अनु ने सोचा कि शायद कुछ रिश्ते इसी किस्म के होते हैं… जिनके शब्द नहीं होते, बस एहसास ही काफी होते हैं।
खामोशी के आँसू: वर्जित जुनून की एक हिंदी प्रेम कहानी

गाँव में सर्दियों की रातें थी , जब चाँद अपनी चांदनी से पूरी धरती को नहला देता था, और पीपल का वो पेड़, जिसके नीचे आकाश और रिया छुप-छुप के मिला करते थे, दोनों एक दूसरे को दिलोजान से चाहते थे। उन दोनों के प्यार की ख़बर गांव में किसी को भी नहीं थी, क्योंकि उनका मिलना समाज की बंदिशों के खिलाफ था।
आकाश एक किसान का बेटा था, सीधा-सादा और मेहनती, लेकिन रिया ठाकुरों की बेटी थी, जिसके सपने उतने ही बड़े थे, जितनी उसके पिता की ज़िद। उनके प्यार की कहानी उस सवाल से शुरू होती है, जिसे शायद वे खुद भी नहीं समझ पाए थे।
एक दिन जब रिया से आकाश मिलने आया तो उसने ऐसे ही बात बात में रिया से पूछा ”रिया अगर किसी दिन हम पकड़े गए तो क्या होगा”!
“जानती हूँ, आकाश । पर क्या करें, हम समाज की दीवारों से नहीं डरते,” रिया की आवाज़ में वो दृढ़ता थी, जो उसके मजबूत प्यार को बयान करती थी।
वे दोनों जानते थे कि उनका यह प्यार, उनके गांव की परंपराओं को मंजूर नहीं होगा । इसलिए, उनकी मुहब्बत खामोशी से बहती नदी की तरह गुप्त रही। जब भी मौका मिलता, वे मिलते और उनके प्यार की बातें चांद-सितारों तक जा पहुंचतीं।

लेकिन, एक दिन जैसे आसमान फट पड़ा। रिया के पिता को उनके इस प्यार की खबर लग गई और रातोंरात, रिया के पिता ने उसकी शादी एक अमीर लड़के से तय कर दी।
रिया और आकाश ने बहादुरी से अपने प्यार की सच्चाई अपने घरवालों के सामने रखने की कोशिश की, पर उनकी मोहब्बत की आवाज़ को घर की दीवारों ने दबा दिया। उनके प्यार की बात बस आँखों के आँसू बनकर बह निकली।
“हमें भाग जाना चाहिए, दूर इस जहां से, यहाँ हमारा प्यार कोई नहीं समझ सकता। हम कितनी भी कोशिश कर लें पर कोई भी हमारे प्यार को स्वीकार नहीं करेगा ,” आकाश ने रिया से कहा।
रिया , जिसका प्यार जितना गहरा था, उतनी ही उसमें समझदारी थी, बोली, “नहीं, आकाश , हमारा प्यार किसी के लिए बोझ नहीं बनना चाहिए। मैं तुम्हें दुखों का सामना करते नहीं देख सकती।”
दोनों के दिल टूटे थे, पर उनको फिक्र एक-दूसरे की खुशी की थी। रिया को पता था की अब उसके पिता उसकी और आकाश की शादी कभी नहीं होने देंगे, अगर उसने अपने पिता के ख़िलाफ़ जाकर आकाश से शादी की तो वो आकाश को नुकसान पंहुचा सकते है। तब रिया ने अपने पिता की मर्ज़ी से शादी करने का फैसला लिया ,और अपनी शादी के मंडप में बैठ गई।
वह उस मंडप में एक टूटी हुई मूरत की तरह लग रही थी। जब रिया की बरात आ रही थी तो आकाश ने अपने प्यार की यादों को एक पत्र में लिखा और उसे उसी जगह पर छोड़ दिया जहाँ पर वो दोनों अपने प्यार की बातें किया करते थे।
कोई नहीं जानता था कि वो पत्र रिया तक पहुंचा भी या नहीं। लेकिन उसमें लिखे आकाश के शब्द उस पतझड़ की हवा में महसूस किए जा सकते थे।
बहुत साल गुज़र गए , लेकिन आकाश और रिया का प्यार उनके दिलो में कहीं एक कोने में हमेशा जिंदा रहा। उनकी खामोशी के आँसूओं ने समय के साथ उन्हें बहुत कुछ सिखाया कि कभी-कभी प्यार बोलकर नहीं, चुपचाप सहन करके भी किया जाता है।
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