Cinderella Short Story For Kids & Adults in Hindi with PDF

हेलो दोस्तों, आज हम आपके लिए सिंड्रेला की कहानी (Cinderella Short Story for Kids) लेकर आयें है। आप ने भी सिंड्रेला की कहानी अपने बचपन में सुनी होगी। हमे उम्मीद है आपके बच्चो को भी यह कहानी बहुत पसंद आएगी। तो चलिए शुरू करते है।

अगर अभी आपके पास समय नहीं है पूरी कहानी पढ़ने का तो आप नीचे दिए गए लिंक से यह Cinderella Story PDF Free Download कर सकते है।

बच्चों के लिए सिंड्रेला की कहानी | Cinderella Short Story for Kids

एक समय की बात है, बहुत दूर एक देश में Cinderella नाम की एक खूबसूरत युवा लड़की रहती थी। उसके सुंदर सुनहरे बाल, चमचमाती नीली आँखें और सोने जैसा शुद्ध दिल था। सिंड्रेला अपनी दुष्ट सौतेली माँ और दो सौतेली बहनों के साथ रहती थी, जो हमेशा उससे घर के सारे काम करवाती थीं। हर रात, अपने काम खत्म करने के बाद, सिंड्रेला एक बेहतर जीवन का सपना देखती थी। उसने एक ऐसी दुनिया का सपना देखा जहां वह स्वतंत्र होकर हमेशा खुशी से रह सके। उसे क्या पता था कि उसके सपने सच होने वाले हैं।

एक दिन, सिंड्रेला के घर एक निमंत्रण आया। यह महल में एक भव्य आयोज़न का निमंत्रण था, जिसकी मेजबानी सुंदर राजकुमार ने की थी। सिंड्रेला की सौतेली माँ और सौतेली बहनें बहुत रोमांचित थीं, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि उनमें से एक को राजकुमार अपनी दुल्हन के रूप में चुनेगा।

Cinderella अयोजन में भाग लेने के लिए उत्सुक थी, लेकिन उसकी सौतेली माँ और सौतेली बहनें उसे जाने से रोकने के लिए दृढ़ थीं। उन्होंने उसकी खूबसूरत पोशाक फाड़ दी और उसे रोते हुए छोड़ दिया। लेकिन जैसे ही सिंड्रेला उम्मीद छोड़ने वाली थी, एक जादुई परी प्रकट हुई।

Cinderella Short Story For Kids

परी ने अपनी छड़ी घुमाकर सिंड्रेला की फटी हुई पोशाक को एक शानदार गाउन में बदल दिया, और उसके पुराने जूतों को चमचमाती कांच की चप्पलों में बदल दिया। उसने सिंड्रेला से कहा कि वह आयोज़न में शामिल हो सकती है, लेकिन उसे आधी रात से पहले वापस आने की चेतावनी दी, क्योंकि जादू खत्म हो जाएगा।

सिंड्रेला आयोज़न में पहुंची और तुरंत प्रिंस चार्मिंग सहित सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। उन्होंने पूरी रात एक साथ नृत्य किया और सिंड्रेला को ऐसा लगा जैसे वह हवा में तैर रही हो। लेकिन जैसे ही घड़ी में आधी रात हुई, सिंड्रेला को परी की चेतावनी याद आई और वह अपनी एक कांच की चप्पल छोड़कर बॉलरूम से बाहर चली गई।

अगले दिन, प्रिंस चार्मिंग ने राज्य में कांच के जूते के मालिक की तलाश की। जब वह सिंड्रेला के घर पहुंचे, तो उसकी सौतेली माँ और सौतेली बहनों ने अपने पैरों को चप्पल में फिट करने की कोशिश की, लेकिन यह उनके लिए बहुत छोटी थी तभी सिंड्रेला आगे बढ़ी और उसने चप्पल पहनने की कोशिश की। और वह बिल्कुल फिट बैठी।

प्रिंस चार्मिंग अपना सच्चा प्यार पाकर बहुत खुश थे और सिंड्रेला के सपने आखिरकार सच हो गए। उनकी शादी हो गई और सिंड्रेला एक राजकुमारी बन गई और हमेशा खुशी से रहने लगी।

कहानी का नैतिक

यह कहानी हमें सपनों की शक्ति का महत्व सिखाती है। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन चाहे कितना भी कठिन क्यों न लगे, अगर हम खुद पर विश्वास रखें तो सपने सच हो सकते हैं।

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